किसानों की आय दोगुणा करने के लिए ई- नैम बेहतर प्लेटफार्म
दो वर्ष में ई-नैम प्लेटफार्म पर 50 हजार करोड़ से ज्यादा का हुआ कारोबार किसानों की आय दोगुणा करने के लिए उन्हे उनके फसल उत्पाद के बेहतर दाम मिलें, यह भारत सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। भारत सरकार ने किसानों को लागत मूल्य से डेढ़ गुणा भाव देने, किसानों को अपनी बेहतर भाव लेने के लिए ई-नैशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नैम)प्लेट फार्म उपलब्ध करवाने जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। गुरूग्राम में आयोजित वल्र्ड यूनियन ऑफ होलसेल मार्केट कॉंफ्रेंस को संबोधित करते हुए सीईओ नेशनल रेनफैए एरिया अथोरिटी (एनआरएए) एवं किसानों की आय दोगुणा करने की कमेटी के चेयरमैन भारत सरकार डॉ अशोक दलवई ने यह बात कही।
डॉ दलवई ने कहा कि दो वर्ष पहले भारत में किसानों को अपना उत्पाद सीधा बेचने के लिए ई-नैम योजना शुरू की गई थी । दो वर्ष में ई-नैम योजना उम्मीद से अधिक सफल रही है। ई-नैम प्लेटफार्म पर अब 50 हजार करोड़ से अधिक का कारोबार हो चुका है। ई-नैम प्लेट फार्म पर देश के 20 राज्यों के एक करोड़ 19 लाख किसान, एक लाख 18 हजार टेड्रर्स, 66 हजार से ज्यादा कमीशन एजेंट और 383 फार्मर प्रोड्यूज ओरगेनाइजेशन (एफपीओ) जुड़ चुके है। डॉ दलवई ने कहा कि ई-नैम प्लेट फार्म पर 585 मंडी और 90 कोमोडिटिज पंजीकृत हो चुकी है।
डॉ दलवई ने हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ के प्रयासों की प्रंशसा करते हुए कहा कि हरियाणा की 54 मंडिया ई-नैम से जुड़ चुकी हैं। उन्होंने व्योम कांफे्रंस में विश्व भर से पंहुचे प्रतिनिधियों को बताया कि ई-नैम प्लेटफार्म के स्थापति होने से सिंगल प्वाइंट लेवी मार्केट फीस, ई-टृेडिंग और यूनिफाइड लाईसेंस प्रचलन में आया, जो सभी मंडियों में वैध है। डॉ दलवई ने कहा कि भारत सरकार का ई-नैम प्लेट फार्म व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए ढ़ांचागत विकास पर विशेष फोकस है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में सीईओ डॉ पवनेक्ष कोहली ने विश्वस्तरीय कॉफें्रस को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में कोल्ड स्टोरेज व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए नियमों का सरलीकरण करने के साथ साथ अनुदान देने की भी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि फल, सब्जी, अनाज का वेस्टेज रोकने व विश्व मार्केट तक पंहुचने के लिए अच्छी कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था होना समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज के साथ, पेकै जिंग, लेबलिंग व परिवहन व्यवस्था में भी सुधार किया जा रहा है।
डॉ पवनेक्ष ने कहा कि ई-नैम प्लेटफार्म का बेहतर उपयोग करते हुए हरियाणा के किसान अमेरिकन कपास, जौ, बाजरा, चावल, मूंग,गेंहू, आलू गुड़ जैसे उत्पाद मार्केट रेट से अधिक मूल्यों पर बेचने में सफल हुए हैं। सत्र के समापन पर लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा विश्वविधालय हिसार के कुलपति डॉ गुरदयाल सिंह ने भारत सरकार के अधिकारियों को स्मृति चिहन देकर सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि विश्व स्तरीय व्योम कांफे्रस का शुभारंभ कें्रदीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री पुरूषोतम रूपाला ने किया जबकि हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम धनखड़ ने काफ्रेंस की अध्यक्षता की।
बाजार सुधार : पिछले अनुभव एवं भविष्य की चुनौतियों के विषय में विशेषज्ञों ने रखी राय
सोशल मीडिया व ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में विश्व के लोगों की फूड हैबिट्स में तेजी से बदलाव हो रहा है। ऐसे में मांग के अनुरूप खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए जरूरी है कि पूरे विश्व को एक प्लेटफार्म पर लाया जाए। वल्र्ड यूनियन आफ होलसेल मार्केट (व्योम) इस जरूरत को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी। यह विचार नेशनल काऊंसिल आफ स्टेट एग्रीक्लचरल मार्किटिंग बोर्ड (सीओएसएएमबी इंडिया) के प्रबंध निदेशक डा.जे.एस.यादव ने गुरूवार को ÞÞ बाजार सुधार : पिछले अनुभव एवं भविष्य की चुनौतियोंंं Þ विषय पर आयोजित सांयकालीन सत्र में रखे। इस सत्र में मैक्सिको से सीईओ रमिरो कैवेजो, स्पेन से सीईओ जे.तेजेडो, इटली से सीईओ एफ.एम.पैलोटिनी व रूई पोलियो फिगरेडो ने भी इस विषय को लेकर अपने विचार रखे। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति डा.गुरदयाल सिंह ने वक्ताओं का स्वागत किया।
डा.जे.एस.यादव ने पिछले एक दशक में विश्व में मार्केट के रूझान को देखते हुए कहा कि यह जरूरी है कि हम भी इन चुनौतियों का सामना करने के लिए अभी से तैयार हो। उन्होंने कहा कि चीन और जापान की तरह बड़ी मंडियों, कोल्ड स्टोरेज व ढांचागत सुविधाएं तैयार करनी होंगी। ई-मार्केट व डिजिटल प्लेटफार्म पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है तभी हम बाजार सुधार की दिशा में चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पैकेजिंग व लैबलिंग में बहुत काम करने की आवश्यकता है और इस प्रकार के आयोजन सुधार की दिशा में निश्चित तौर पर सफलतम कदम है। उन्होंने कहा कि डिजीटल के युग में इंटरनेट व सर्कुलेशन का एक्शन प्लान बनाना होगा ताकि किसान व उपभोक्ताओं की दूरी मिटे
अंर्तदेशीय बाजार की परिकल्पना में सूचना प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका
– बाजार सुधारः अनुभव और भविष्य की चुनौतियों पर आयोजित सत्र में वक्ताओं ने दिया व्याख्यान
गुरूग्राम, वल्र्ड यूनियन आॅफ होलसेल माॅर्केट (व्योम) के निदेशक एवं राष्ट्रीय राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध निदेशक डा. जे एस यादव ने कहा कि एकीकृत विश्व बाजार, प्रणाली और उपायों को सूचना प्रौ़द्योगिकी के बिना संभव नहीं किया जा सकता है।
वे यहां गुरूग्राम में वल्र्ड यूनियन आॅफ होलसेल माॅर्केट (व्योम) की आयोजित की जा रही कान्फे्रंस में बाजार सुधारः अनुभव और भविष्य की चुनौतियों पर आयोजित सत्र में देश-विदेश से आए हुए प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंतर-बाजार, अंतर-राज्यीय बाजार और अंर्तदेशीय बाजार की परिकल्पना में सूचना प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका है क्योंकि आधुनिक बाजार की परिकल्पना को साकार करने के लिए आनलाईन निरीक्षण व जांच, आॅनलाईन इंनवेंटरी और आॅनलाईन निगरानी अति आवश्यक है और यही भविष्य की होलसेल मार्केट का एक रास्ता है।
मैक्सिकों के कनाका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रामिरो कवाजोस ने कहा कि उनके देश में कृषि उत्पादों का आयात-निर्यात ज्यादा किया जाता है और स्वच्छता के मुदों पर बहुत ध्यान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि उनके देश में 65 छोटी-बडी सप्लाई करने वाली मार्किट है जो पूरे मैक्सिको को कवर करती है। उन्होंने कहा कि उनके देश में अंगूर, कीवी, सेब इत्यादि को आयात किया जाता है और पनीर, मांस इत्यादि उत्पादों को निर्यात किया जाता है। इसी प्रकार, 65 प्रतिशत एग्रो फिशरीज की सप्लाई भी की जाती है।
इटली सीएआर एससीपीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एफ एम पालोतिनी ने कहा कि कृषि बाजार में आर्थिक संपर्क अति आवश्यक है और इन संपर्कों के बिना कोई भी बाजार आगे वृद्धि नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमें किसानों और उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए संस्थागत तरीके से आगे बढना होगा।
स्पेन के मरकबराना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री जे तेजेडो ने कहा कि होलेसेल मार्किट को डिजीटलीकरण के साथ-साथ आईटी को अपनाना होगा क्योंकि हम अगर अभी हाल ही के अनुभवों को देखें तो बडी-बडी नोकिया जैसी कंपनियां बिना डिजीटलीकरण के कारण ध्वस्त हो गई। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार के पिछले कुछ सालों में माइक्रोसाफट, एप्पल और अमेजाॅन जैसी कंपनियों ने आॅनलाईन और डिजीटलीकरण को अपना कर बाजार पर कब्जा किया है और वल्र्ड लीडर बनी है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हमें आर्टिफिशियल इंटलीजेंस प्रणाली को अपनाना होगा ताकि श्व व्यापार से जोड़ते हुए किसानों को किया जाएगा साधन संपन्न : रूपाला
– वल्र्ड यूनियन आफ हॉलसेल मार्केट (व्योम) की दो दिवसीय
केंद्रीय कृषि एवं पंचायत राज्य मंत्री श्री रूपाला ने विश्व भर से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसान हितों को सामने रखते हुए थोक व्यापारियों का अधिवेशन आयोजित हुआ है। प्रधानमंत्री द्वारा नए भारत के निर्माण में इस प्रकार के अधिवेशन मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ई-नाम प्रणाली को वयोम से जोड़ते हुए किसानों को साधन संपन्न बनाया जाएगा। उन्होंने हरियाणा सरकार तथा विशेष रूप से प्रदेश के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ की सराहना करते हुए कहा कि हरियाणा प्रदेश ने डिजिटल तकनीक का उपयोग करते हुए सबसे पहले भावांतर जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू करते हुए किसान हितैषी सोच को साकार किया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षा है कि ई- राष्ट्रीय कृषि बाजार(ई-नाम) जैसी प्रणाली को अंतरराष्टीय व्यापार मंच के साथ जोड़ते हुए किसानों को उनकी फसल के उचित भाव देने के साथ ही किसान को अंतरराष्ट्रीय मार्केट के साथ सीधा जोडऩा है। यही कारण है कि आज व्योम के माध्यम से आयोजित कांफ्रेंस में आए सुझावों के आधारभूत सकारात्मक निर्णय लेने के लिए सफलतम कदम बढ़ाए जाएंगें। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश अंतरराष्ट्रीय मानकों से ज्यादा उत्पादन कर रहा है लेकिन अब इसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार से जोडऩे की जरूरत है। इसी कड़ी में हरियाणा द्वारा एग्री लीडरशिप व एग्री बिजनेस जैसे बड़े कार्यक्रमों की मेजबानी करते हुए किसानों को मूल्यों आधारित फसल उत्पादन के लिए मंच प्रदान करते हुए प्रेरित किया गया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से कांटेक्ट फार्मिंग एक्ट बनाया है ताकि किसानों के साथ मिलकर कंपनियां उपभोक्ताओं की जरूरत के हिसाब से उत्पादन कर सकें।
आधुनिकतम मंडियों का हरियाणा कर रहा है निर्माण : धनखड़
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने दुनिया भर से आए प्रतिनिधिमंडलों का स्वागत करते हुए बताया कि दुनिया की तर्ज पर हमनें किसानों की खुशहाली के लिए नई आधुनिक मंडियों का निर्माण किया है। गुरूग्राम में निदरलैंड की तर्ज पर फूलों की मंडी विकसित की जाएगी वहीं पिंजौर में सेब की नई मंडी बना रहे हैं। साथ ही गन्नौर में 600 एकड़ में बड़ी मंडी विकसित की गई है ताकि किसानों को उत्पादन के साथ बिक्री में हर संभव सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि थोक की जितनी भी मार्केट हैं वे प्राइवेट नहीं हैं बल्कि सामाजिक दायित्व निर्वहन करने वाली हैं। उन्होंने बताया कि बिजिंग की एक हजार एकड़ में बनी मंडी, रंगिस, जूरिन, इजराइल सहित अन्य देशों की मंडियों का दौरा कर चुके हैं और अब थोक मार्केट में सुधार कैसे हो इसके लिए व्यापक विचार विमर्श करने हेतु दो दिवसीय कांफ्रेंस की मेजबानी हरियाणा कर रहा है। किसानों को उनके खेत के नजदीक ही बाजार विकसित करने के लिए ग्राम हाट कलस्टर स्तर पर बनाए गए हैं और अब हॉलसेल मार्केटिंग की भूमिका आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों की सुख सुविधा के साथ ही उनकी फसल का उचित भाव दिलाने के लिए प्रयासरत है और इसी कड़ी में भावांतर भरपाई योजना को मूर्त रूप हरियाणा में दिया गया है जो आज अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय बन रही है। उन्होंने बताया कि डिजिटल तकनीक के साथ योजना को जोड़ा गया है ताकि किसान का लाभ किसी भी रूप से बिचौलियों को न मिले और सीधे किसान का जुड़ाव सरकार की क्रियांवित योजना से हो।